Story Writing For Class 7 In Hindi

दिल की सुनो


एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में रहने वाला एक छात्र था जिसका नाम रामू था। रामू बहुत ही खुशमिजाज और मस्तिष्कशील था। उसे छोटी छोटी खुशियों में खुश होने का गहरा आनंद मिलता था। वह हमेशा दूसरों की मदद करने में तत्पर रहता था और विद्यालय में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए प्रयासरत रहता था।


एक दिन, रामू ने सभी विद्यार्थियों को आमंत्रित किया और एक विद्यालय के ग्रीष्मकालीन मेले की योजना बनाई। उसने सभी छात्रों को साथ लेकर मेले की तैयारी की। रामू को लगा कि इस मेले को सफल बनाने के लिए अधिकतम धन चाहिएगा।


रामू ने अपने मित्रों से धन इकट्ठा करने की अपील की और वह बड़ी संख्या में लोगों से रुपये इकट्ठा करने में सफल रहा। लेकिन, जब उसे यह सब देखा तो उसका मस्तिष्क बड़ा हो गया। धन की इस बड़ी राशि ने उसे गर्व का एहसास करवाया। अब उसे लगने लगा कि वह सबसे अच्छा है और वही इस मेले की प्रमुख गरिमा है।


मेले के दिन, सभी लोग बहुत खुश थे और जब रामू अपने बड़े धन संग्रह को जगाने के लिए उन्हें देखा तो वे सभी उसकी बधाई देने लगे। इसके बाद से रामू की सोच में बड़ी परिवर्तन आ गई। वह अपने आप को बहुत ही अहमियतपूर्ण और दूसरों से ऊपर समझने लगा।


कुछ समय बाद, रामू के अधिकारी ने उसे बुलाया और उससे पूछा कि क्या वह सभी को धन इकट्ठा करके मेले को इतनी बड़ी सफलता दिलाने के लिए क्या था।


रामू को उसकी अहमियत का अहसास हो गया और उसने अपने गर्वपूर्ण व्यवहार की तारीफ करते हुए कहा, "मैं नहीं, हम सब ने मिलकर इस मेले को सफल बनाया। हमारी टीम ने मेहनत की है और हमने मिलकर इसे योग्य बनाया।"


उसे अपनी गलती का अहसास हुआ और रामू ने दूसरों के विचारों को महत्व देने का निर्णय लिया। उसने सीखा कि अहमियतपूर्ण फैसले लेने के लिए अपने मन की बात सुननी चाहिए और दूसरों की सहायता और मतदान करने की जरूरत होती है।


इस कहानी से हमें यह समझना चाहिए कि हमें सिर्फ अपने ही मतभेदों को सुनने की बजाय दूसरों के विचारों को महत्व देना चाहिए। हमें अहमियतपूर्ण फैसले लेने के लिए एकजुट होना चाहिए और सबके साथ मिलकर काम करना चाहिए।

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